आर्किटेक्चरल इंजीनियरिंग: यह इंजीनियरिंग शाखा भौतिकी, गणना, और डिज़ाइन की चुनौती प्रदान करती है और विभिन्न प्रकार की संरचनाओं की डिज़ाइन और निर्माण के लिए जिम्मेदार होती है।

पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग: इस शाखा में विद्युत पॉवर उपकरणों के डिज़ाइन, परीक्षण, और सुरक्षा की चुनौती प्रदान की जाती है।

आयरोस्पेस इंजीनियरिंग: वायु और अंतरिक्ष यानों के डिज़ाइन और निर्माण में यह शाखा शारीरिक और गणना की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देती है।

जियोटेक्टनिक्स इंजीनियरिंग: इसमें भूकंपों और भू-साइंस के माध्यम से भूमि के गतिविधियों का अध्ययन और नियंत्रण शामिल है।

इलेक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग: यह शाखा विद्युतीय और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के डिज़ाइन, निर्माण, और परीक्षण की चुनौती प्रदान करती है।

पेट्रोलियम इंजीनियरिंग: इस शाखा में नेचुरल गैस और तेल संसाधनों के उत्पादन, प्रसंस्करण, और संवेदनशीलता के क्षेत्र में काम किया जाता है।

न्यूक्लियर इंजीनियरिंग: इसमें न्यूक्लियर ऊर्जा के उत्पादन, प्रसंस्करण, और सुरक्षा के मामले शामिल होते हैं।

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग: इसमें विद्युत उपकरण, विद्युत प्रबंधन, और विद्युत प्रणालियों का डिज़ाइन और प्रबंधन शामिल होता है।

आयरोनिक्स इंजीनियरिंग (Aeronautical Engineering): आयरोनिक्स इंजीनियरिंग विमानन और उड़ानों के डिज़ाइन, डायनामिक्स, और एरोस्पेस सिस्टम के बारे में गहरा ज्ञान और समझदारी की आवश्यकता होती है।

एरोस्पेस इंजीनियरिंग (Aerospace Engineering): एरोस्पेस इंजीनियरिंग में हवाई जहाजों और अंतरिक्ष यानों के डिज़ाइन और प्रक्रिया का अध्ययन किया जाता है, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी की गहरी जानकारी की आवश्यकता होती है।